तक़दीर को अपनी कुछ इस तरह अपनाया है मैंने
जो नहीं था तक़दीर में उसे à¤ी बेपनाह चाहा है मैंने
तक़दीर को अपनी कुछ इस तरह अपनाया है मैंने
जो नहीं था तक़दीर में उसे à¤ी बेपनाह चाहा है मैंने
Please do not enter any spam link in the comment box.