मुट्ठियों में यूँ समेटी उसने अपने घर की राख
जैसे अंधे आप का अपने बेटे को छूकर देखना
मुट्ठियों में यूँ समेटी उसने अपने घर की राख
जैसे अंधे आप का अपने बेटे को छूकर देखना
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